एक आदिवासी महिला के गले में मुर्गे की हड्डी फंस गई थी। पीडि़ता का एनएमडीसी अपोलो अस्पताल में सफल इलाज किया गया।
अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम गमावाड़ा के मुंडरापारा निवासी 70 वर्षीय आदिवासी महिला पाईको को खाना खाने के दौरान गले में मुर्गे की हड्डी फंस जाने के कारण काफी तकलीफ हो रही थी, जिसकी वजह से कुछ भी नहीं खा पा पाने व निगल पाने में असमर्थ थी तथा बात करने में भी काफी मुश्किल हो रही थी।
अस्पताल में भर्ती करनेेे के पश्चात उसका तुरंत इलाज प्रारंभ किया गया। प्रारंभिक जांच आदि करने के उपरांत डॉ. बी. सोमशेखर रेड्डी, कान-नाक-गला विशेषज्ञ के द्वारा मरीज को अपर जीआई इन्डोस्कोपी करने का निर्णय लिया गया।
अगले दिन मरीज को डॉ. एम. दीपक रेड्डी, मेडिसीन विशेषज्ञ के द्वारा अपर जीआई इन्डोस्कोपी प्रारंभ किया गया, जिसमें अनेक दिक्कतों के बावजूद सफलतापूर्वक मरीज के गले से मुर्गी की हड्डी को बाहर निकाल लिया गया। गले में हड्डी फंसने की वजह से गले के अंदर कटाव व घाव बन गया था, जो कि निरंतर इलाज करने के उपरांत धीरे-धीरे उसमें सुधार हुआ, जिसके पश्चात पुन: इन्डोस्कोपी के द्वारा गले की पुन: जांच की गई, जिसमें वह पूर्ण रूप से स्वस्थ पाई गई।
एनएमडीसी अपोलो अस्पताल, बचेली के मुख्य चिकित्सा प्रशासक, डॉ. एस.एम. हक ने बताया कि अस्पताल में अपर जीआई इन्डोस्कोपी मशीन की उपलब्धता एवं प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सक के होने की वजह से पाईको का इलाज सफलता पूर्वक संभव हो सका, अन्यथा उनका इलाज यहां पर नहीं हो पाता तथा उन्हें किसी भी दूरस्थ प्रतिष्ठित अस्पताल लेकर जाना पड़ता।