सीएम योगी की बायोपिक रिलीज.. मुस्लिम समाज ने जताई नाराजगी, मौलाना ने कहा – इस्लाम में फिल्म देखना हराम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म “अजय” जल्द ही देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली है. इस फिल्म को लेकर कई राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है. फिल्म के जरिए योगी आदित्यनाथ के संघर्ष, राजनीतिक सफर और आध्यात्मिक जीवन को दिखाया जाएगा.इस फिल्म के रिलीज से पहले ही ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है.मौलाना ने कहा कि इस्लाम के मुताबिक फिल्म देखना पूरी तरह से हराम है. उन्होंने साफ किया कि न केवल योगी आदित्यनाथ की जीवनी पर बनी फिल्म, बल्कि दुनिया की कोई भी फिल्म देखना शरीयत के हिसाब से जायज़ नहीं है. मौलाना शहाबुद्दीन ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वह किसी भी तरह की फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों का रुख न करें. उन्होंने नसीहत दी कि शरीयत हमें फिल्म देखने की इजाजत नहीं देती, इसलिए मुसलमानों को इससे पूरी तरह दूरी बनानी चाहिए. मौलाना का कहना है कि फिल्में देखने से इंसान का ध्यान अपने धार्मिक कर्तव्यों से भटक जाता है और यह इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है.

मौलाना का यह बयान सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है. एक पक्ष जहां मौलाना की राय से सहमत नजर आ रहा है, वहीं कई लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर रोक लगाने की कोशिश करार दे रहे हैं

 

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