अमित शाह ने तय की थी नक्सली हिड़मा की डेडलाइन, 12 दिन पहले ही मार दिया गया
देश के सबसे खतरनाक नक्सल कमांडरों में शामिल माड़वी हिड़मा छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मरेडमिल्ली जंगल में आज मंगलवार सुबह हुए एनकाउंटर में मारा गया है। उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सलियों को भी ढेर कर दिया गया है। नक्सली कमांडर मांडवी हिडमा के मारे जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष अधिकारियों से बात की और उन्हें बधाई देते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। अमित शाह ने नक्सली हिडमा को 30 नवंबर तक खत्म करने की डेडलाइन दी थी, ऑपरेशन 12 दिन पहले ही पूरा हो गया। सुरक्षा बलों ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने पुल्लागंडी के जंगलों में 44 वर्षीय नक्सली नेता को मार गिराया. गृह मंत्री के आदेश से अवगत एक सूत्र ने बताया, ‘केंद्रीय गृह मंत्री ने देश से माओवाद की समस्या के उन्मूलन के लिए 31 मार्च 2026 की समयसीमा तय की है. सुकमा में 1981 में जन्मा हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की एक बटालियन का कमांडर और माओवादी केंद्रीय समिति का सदस्य था.हालांकि वो सिर्फ 10 वीं तक ही पढ़ा था.
वर्ष 1990 में मामूली लड़ाके के रुप में माओवादियों के साथ जुड़ने वाला यह आदिवासी सटीक रणनीति बनाने और तात्कालिक सही निर्णय लेने की क्षमता के कारण बहुत ही जल्दी एरिया कमाण्डर बन गया था।
वर्ष 2010 में ताड़मेटला में सीआरपीएफ को घेरकर 76 जवानों की जान लेने में भी हिडमा की मुख्य भूमिका रही। इसके 3 साल बाद 2013 में जीरम हमले में कांग्रेस के बड़े नेताओं सहित 31 लोगों की जान लेने वाली नक्सली घटना में भी हिडमा के शामिल होने का दावा किया आजाता रहा है। वर्ष 2017 में बुरकापाल में हमला कर सीआरपीएफ के 25 जवानों की शहादत का जिम्मेदार भी इसी ईनामी नक्सली को माना जाता है। खुद ए के -47 रायफल लेकर चलने वाला हिडमा चार चक्रों की सुरक्षा से घिरा रहता था।
