समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार को 11.50 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा है. सपा नेता ने श्रीकांत त्यागी मामले में बिना जांच के मीडिया के जरिए बदनाम करने का आरोप लगाया है.
श्रीकांत त्यागी के मामले में नाम आने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक दिन पहले ही कहा था कि कमिश्नर ने बिना जांच के उनके नाम लिया, इस वजह से वह अब मानहानि का दावा करेंगे. मौर्य ने कहा कि इस वजह से देश में उनको बदनाम करने का काम किया गया है. उन्होंने इसे बीजेपी की साजिश का हिस्सा बताया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘मुझे खुद आज विधानसभा का पास इश्यू हुआ है. मैं कैसे किसी को पास दे सकता हूं. वो भी 2022 का पास. उसके (श्रीकांत) पास 2023 का पास था, तो इसका जवाब बीजेपी दे.’ मौर्य ने आगे कहा कि मैं श्रीकांत त्यागी को जानता हूं या नहीं, इससे पहले बीजेपी बताए कि उनके नेताओं के साथ त्यागी की फोटो कैसे आई.
मौर्य ने कहा कि श्रीकांत त्यागी ने नहीं बल्कि पुलिस कमिश्नर ने मेरा नाम उछला है. मेरा जनाधार बढ़ा हुआ है, बीजेपी इस बात से घबराती है और इसी वजह से बार-बार मेरा नाम उछला जा रहा है. वह बोले कि पुलिस कमिश्नर को जांच करनी चाहिए थी, ऐसे कैसे मेरा नाम ले लिया? यह तो साजिश है.
सपा नेता मौर्य ने कहा कि श्रीकांत त्यागी ने बीजेपी की सदस्यता कैसे ली, उसकी जांच हो जानी चाहिए. वह बोले कि बीजेपी साजिश के तहत उनका नाम उछालती है, पहले एसटीएफ मामले में ऐसा किया गया और अब श्रीकांत मामले में ऐसा हुआ है.
श्रीकांत त्यागी की जमानत याचिका खारिज
नोएडा के ओमेक्स सोसाइटी में महिला के साथ बदसलूकी के आरोपी श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी को सूरजपुर कोर्ट ने खारिज कर चुकी है. श्रीकांत त्यागी ने महिला से छेड़छाड़ को लेकर दर्ज किए गए एफआईआर में जमानत याचिका दायर की थी. श्रीकांत को अभी जेल के अंदर ही रहना पड़ेगा. कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. इसके अलावा श्रीकांत त्यागी पर दर्ज 420, 419, 482 IPC के केस में सुनवाई 16 अगस्त को होगी.
महिला से बदसलूकी का है मामला
श्रीकांत त्यागी का 5 अगस्त को महिला से गाली-गलौज करने का वीडियो वायरल हुआ था. मामले के तूल पकड़ते ही पुलिस ने केस दर्ज किया था. इसके बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था. पुलिस ने उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था. पुलिस की 12 टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई थीं. आखिरकार उसे मेरठ से पकड़ा गया था.