‘गो बैक मारवाड़ी’… तेलुगु राज्यों में जोर पकड़ रहा ये नारा, बाजार तक करने पड़े बंद, वजह ?

तेलंगाना में मारवाड़ियों का विरोध भी हो रहा है. ये विरोध अब आंध्र प्रदेश तक पहुंच गया है. ‘गो बैक मारवाड़ी’ के नारे लग रहे हैं. तेलुगु राज्यों में यह एक अलग तरह की आग सुलग रही है. राजनीति व्यापार करने वालों के इर्द-गिर्द हो रही है. तेलंगाना से शुरू हुआ यह विवाद अब आंध्र प्रदेश में भी फैल गया है. ‘गो बैक मारवाड़ी’ का मुद्दा अब खुलकर सामने आ गया है. यह धीरे-धीरे एक आंदोलन का रूप ले रहा है.
तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के अमंगल में एक छोटी सी झड़प के बाद ‘गो बैक मारवाड़ी’ का नारा शुरू हुआ. अब यह तेलुगु राज्यों में पानी की तरह फैल रहा है. तेलंगाना का स्थानीय व्यापारी समुदाय मारवाड़ियों के अस्तित्व पर सवाल उठा रहा है. कहा जा रहा है कि, “तुम हमारा पेट पीट रहे हो, हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचा रहे हो.” हालांकि मारवाड़ी अपने विरोध को बनावटी बता रहे हैं. उनका कहना है कि, “गुजरात हमारी जन्मभूमि है, तेलंगाना हमारी कर्मभूमि है. हम यहीं पैदा हुए. हम यहीं पले-बढ़े. हम अपने दादा-दादी के जमाने से यहीं रह रहे हैं. हम भी आपके ही लोग हैं.” तेलंगाना का मारवाड़ी समाज उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को याद करते हुए जोर देकर कह रहा है कि हम भी यहीं का हिस्सा हैं. मारवाड़ी समाज के लोगों ने कहा कि अगर हम नकली सामान बेचेंगे तो ग्राहक कैसे आएंगे, इतने सालों तक उन्होंने हम पर भरोसा कैसे किया? आज मारवाड़ी का विरोध कर रहे हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से हजारों मजदूर यहां काम करने और रहने आते हैं. मारवाड़ी तर्क देते हैं कि सिर्फ हमारे साथ ही ऐसा क्यों है, यूपी-बिहार वालों के साथ कोई समस्या नहीं है.
सिकंदराबाद के मोंडा बाजार में मारवाड़ियों द्वारा एक दलित पर हमले की निंदा करते हुए ओयू जेएसी के अध्यक्ष कोथापल्ली तिरुपति ने 22 अगस्त को तेलंगाना बंद का आह्वान किया. ओयू जेएसी के आह्वान पर तेलंगाना के कई जिलों में बंद रहा. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कई जगहों पर पुलिस तैनात रही. बंद के मद्देनजर बड़ी संख्या में तैनात पुलिस ने कुछ स्थानीय व्यापारियों को हिरासत में लिया.
पुलिस ने ओयू जेएसी के अध्यक्ष कोथापल्ली तिरुपति को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. कोथापल्ली तिरुपति, जिन्होंने ‘गो बैक मारवाड़ी, ‘गो बैक गुजराती-राजस्थान’ आंदोलन शुरू किया था, को टास्क फोर्स पुलिस ने ओयू छात्रावास से हिरासत में लिया. बाद में, उन्हें नल्लाकुंटा पुलिस स्टेशन स्थानांतरित कर दिया गया. दूसरी ओर, ऑल मर्चेंट्स एसोसिएशन ने एक विशेष बैठक की है. वे ‘मारवाड़ियों को हटाओ, तेलंगाना बचाओ’ के नारे के साथ एक आंदोलन की योजना बना रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार (22 अगस्त) को तेलंगाना बंद का आह्वान किया. स्थानीय व्यापारियों की शिकायत है कि मारवाड़ियों की वजह से उनके कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है.
आंध्र प्रदेश में भी ‘गो बैक मारवाड़ी’ का नारा जोर पकड़ रहा है. राजमुंदरी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दी है कि मारवाड़ियों को बाहर खदेड़ दिया जाना चाहिए. स्थानीय मारवाड़ी जैन विधायक के पास गए और उनसे अपने साथ खड़े होने का अनुरोध किया. विधायक ने वादा किया कि वे मारवाड़ियों पर एक मक्खी भी नहीं बैठने देंगे. कोई मारवाड़ियों को छू भी नहीं सकता है. हैदराबाद में वैश्य विकास वेदिका के नेताओं ने ‘मारवाड़ी हटाओ, तेलंगाना बचाओ’ का नारा लगाया. एलबी नगर में तीन किलोमीटर लंबी एक विशाल विरोध रैली निकाली गई. राजस्थान और गुजरात के मारवाड़ी ‘गो बैक’ के नारे लगा रहे थे. इस बात को लेकर चिंता है कि ‘गो बैक मारवाड़ी’ का नारा, जो धीरे-धीरे तेलुगु राज्यों में फैल रहा है.