शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को धरती पर लौटेंगे, चार दिन मिशन आगे बढ़ा, 10 जुलाई को होनी थी वापसी

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को धरती पर लौटेंगे। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। एक्सियम-4 मिशन के तहत शुभांशु सहित चार क्रू सदस्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे। एक्सियम मिशन को 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। ड्रैगन अंतरिक्ष यान 28 घंटे की यात्रा के बाद 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉक किया गया था। हालांकि, यह मिशन 14 दिनों का था। अब एस्ट्रोनॉट की वापसी चार दिन देरी से होगी। इससे पहले 6 जुलाई को शुभांशु के ISS स्टेशन से कुछ तस्वीरें सामने आईं थीं। जिसमें शुभांशु कपोला मॉड्यूल के विंडो से पृथ्वी देखते नजर आ रहे थे। कपोला मॉड्यूल एक गुंबदनुमा ऑब्जर्वेशन विंडो है, जिसमें 7 खिड़कियां होती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने 28 जून को शुभांशु से वीडियो कॉल पर बातचीत की थी। उन्होंने पूछा कि अंतरिक्ष को देखकर उन्हें सबसे पहले क्या महसूस हुआ, तो ग्रुप कैप्‍टन शुक्ला ने कहा, ‘अंतरिक्ष से, आपको कोई सीमा नहीं दिखती। पूरी पृथ्वी एकजुट दिखती है।’ शुभांशु ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा- अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है। हम दिन में 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि आप गाजर का हलवा लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए हैं। क्या आपने अपने साथियों को खिलाया। इस पर शुभांशु ने कहा कि हां साथियों के साथ बैठकर खाया। शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट के लिए भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA और स्पेसएक्स की साझेदारी से हो रहा है। यह कंपनी अपने स्पेसक्राफ्ट में निजी अंतरिक्ष यात्रियों को ISS भेजती है।

शुभांशु ISS में इंडियन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स​​ के 7 प्रयोग करेंगे। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज हैं। वे NASA के साथ 5 अन्य प्रयोग करेंगे, जिसमें लंबे अंतरिक्ष मिशन के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।

 

 

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