ऑरेंज स्किन, सफेद आंखें और… मिली अजीब विशालकाय मछली…

कोस्टा रिका के टोर्टुगुएरो नेशनल पार्क के पास समुद्र में मछली पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा था इसी दौरान छह फीट से ज्यादा लंबी एक शार्क मछली पकड़ी गई. दुर्लभ नारंगी त्वचा और सफेद आंखों वाली इस शार्क को देखकर लोग दंग रह गए. इस तरह की शार्क पहली बार मिली है. इसका रंग सामान्य भूरी नर्स शार्क से बिल्कुल अलग था. इसकी पहचान शोधकर्ताओं ने जैंथिज्म के रूप में की है, जिसे जैंथोक्रोइज्म भी कहा जाता है. यह एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है, जिसमें त्वचा में लाल रंग की कमी और पीले या नारंगी रंग की अधिकता होती है. कैरिबियन क्षेत्र में कार्टिलाजिनस मछलियों – जिनमें शार्क, रे और स्केट्स शामिल हैं, यहां पर जैंथिज्म का पहला मामला मिला है. शार्क की सफेद आंखों की वजह से लोग और ज्यादा हैरान में पड़ गए हैं, ये इसे काफी ज्यादा अनोखा बनाती हैं. ये ऐल्बिनिजम जैसे लक्षण भी दिखाती हैं.
आमतौर पर नर्स शार्क समुद्र तल में घुलने-मिलने के लिए अपने भूरे रंग पर निर्भर रहती हैं, चमकीले नारंगी रंग या सफेद आंखें शिकारियों के संपर्क में आने की संभावना को बढ़ा सकती हैं. इसके बावजूद भी ये नर्स शार्क जीवित रही, जिसकी वजह से इसके आगे के जीवन के संभावनाओं के बारे में भी बल मिला है. हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का दावा है कि जैंथिज्म प्रभावित जानवरों में जीवित रहने की दर को कम कर सकता है. इसके अलावा शोधकर्ताओं ने कहा कि नर्स शार्क काफी ज्यादा खास होती हैं क्योंकि ये बिना तैरे अपने गलफड़ों से पानी खींचकर सांस ले सकती हैं. साथ ही साथ उनका मानना है कि जैंथिज्म मुख्य रूप से आनुवंशिक कारणों से होता है हालांकि ये आहार जैसे कई अन्य कारक भी रंग को प्रभावित कर सकते हैं.
इसके अलावा शोधकर्ताओं ने कहा कि नर्स शार्क काफी ज्यादा खास होती हैं क्योंकि ये बिना तैरे अपने गलफड़ों से पानी खींचकर सांस ले सकती हैं. साथ ही साथ उनका मानना है कि जैंथिज्म मुख्य रूप से आनुवंशिक कारणों से होता है हालांकि ये आहार जैसे कई अन्य कारक भी रंग को प्रभावित कर सकते हैं.