रायपुर में संयुक्त ईसाई समाज का प्रदर्शन, चर्च पर हमलों को लेकर फूटा गुस्सा..

छत्तीसगढ़ : रायपुर में आज मंगलवार को संयुक्त ईसाई समाज ने चर्चों और ईसाई समुदाय पर हो रहे लगातार हमलों के विरोध में जोरदार रैली निकाली। इस रैली में शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी सैकड़ों लोग शामिल हुए। भीड़ हाथों में बैनर-पोस्टर लिए नारेबाजी कर रही थी और सरकार से तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग कर रही थी। ईसाई समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चर्चों में तोड़फोड़, हमले और आस्था को ठेस पहुंचाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। कई पास्टरों और ईसाई परिवारों पर धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसे वे समुदाय को डराने और सामाजिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश मानते हैं। रैली का नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियों ने साफ कहा कि धर्मांतरण के नाम पर दर्ज सभी फर्जी मामलों को तुरंत वापस लिया जाए और चर्चों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन प्रदेशभर में फैलाया जाएगा।
फादर सुरेश चंद्र ने बताया कि कई बार लोग चर्च में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट और यहां तक कि बहनों के साथ दुर्व्यवहार तक करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन इन घटनाओं को रोकने में नाकाम है और संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।
पास्टर अशोक कुमार ने कहा कि कुछ संगठन प्रार्थना सभाओं में आकर मारपीट करते हैं और धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाते हैं। उनकी मांग है कि झूठे आरोपों में ईसाई समाज के लोगों को न फंसाया जाए और प्रार्थना सभाओं में किसी भी तरह की बाधा न डाली जाए।
दुर्ग से आई एनी ने कहा कि ईसाई समुदाय के लोगों को बाहरी और दीमक कहा जाता है, जबकि वे भी हिंदुस्तानी हैं और संविधान के तहत समानता का अधिकार रखते हैं। उन्होंने 25 जुलाई को ननों के साथ हुई घटना का जिक्र किया, जिसमें ज्योति शर्मा और बजरंग दल के लोग शामिल थे। एनी ने सवाल उठाया कि बिना अनुमति ज्योति शर्मा थाने के अंदर कैसे पहुंच गईं और क्यों सरकार असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही।