कोटा में विश्व का सबसे ऊंचा रावण तैयार, एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्‌र्स में दर्ज होगा नाम

राजस्थान के कोटा शहर का 132वां राष्ट्रीय दशहरा मेला 2025 इतिहास रचने जा रहा है। इस बार मेले में रावण दहन का नजारा पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाला है। करीब चार महीने में कारीगरों ने विश्व का सबसे ऊंचा (221 फीट) रावण तैयार किया हैं रावण के इस पुतले के निर्माण पर लगभग 44 लाख रुपए की लागत आई है। इसकी ऊंचाई और आकार को देखकर यह पुतला वाकई में एक अद्वितीय कृति साबित हो रहा है। मेले के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि दिल्ली से आई चार अलग-अलग रिकॉर्ड बनाने वाली टीमों ने पुतले की माप ली और अब यह आधिकारिक रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाएगा। इस विशाल पुतले को बनाने में 220 टन और 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन का सहारा लिया गया। पुतला पूरी तरह से लोहे के स्ट्रक्चर पर आधारित है। कारीगर तेजेंद्र चौहान ने बताया कि पुतला पहले से लंबा होने के कारण स्लिम नजर आ रहा है। इसका चेहरा 25 फीट लंबा और फाइबर ग्लास से बना है, जिसका वजन 3 क्विंटल है। इसके अलावा, पुतले का मुकुट 60 फीट लंबा है और इसमें रंग-बिरंगी एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं।

रावण के पुतले में ढाल और अन्य आभूषणों में भी एलईडी लाइटें लगी हैं। पुतले को लाल, हरे और नीले रंग के कपड़ों से सजाया गया है। तलवार 50 फीट लंबी है और जूतियां 40 फीट की हैं। इस बार रावण को दशानन स्वरूप में ही तैयार किया गया है, जो उसे और भी रौबदार बनाता है। पुतले में 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स लगाए गए हैं, जिनसे आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा।

कोटा में इस बार रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी बनाए गए हैं। इन दोनों पुतलों की ऊंचाई 60-60 फीट है। इन्हें 30 सितंबर 2025 को खड़ा किया जाएगा। मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों में भी ग्रीन पटाखे लगाए जा रहे हैं। रावण में 15,000 ग्रीन पटाखे लगाए गए हैं, जबकि मेघनाथ और कुंभकरण में 4-4 हजार पटाखे लगाए जाएंगे। कोटा का 221 फीट लंबा रावण अब तक का सबसे ऊंचा रावण पुतला है। इस पुतले के सफलतापूर्वक खड़ा होने से कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो जाएगा। दिल्ली के पास पहले 210 फीट का रिकॉर्ड था, लेकिन 2019 में चंडीगढ़ में 221 फीट का पुतला खड़ा नहीं हो सका था। अब कोटा ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

इस बार रावण की विशालकाय लंबाई को देखते हुए मेला प्रशासन ने दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान के पूर्वी हिस्से में किया है। यहां कच्ची जमीन पर मजबूती के लिए 26×24 फीट का आरसीसी फाउंडेशन बनाया गया है। इसमें आठ स्टील की जैक वाली रोड लगाई गई हैं और लोहे की रस्सियों से पुतले को सहारा दिया गया है।

पुतला खड़ा करने के लिए पेडस्टल पर फिश प्लेट्स और नट-बोल्ट से जोड़ों को मजबूती दी गई है। साथ ही, सुरक्षा के लिहाज से भी पूरी व्यवस्था की गई है, ताकि इस विशाल पुतले के दहन के समय कोई अप्रिय घटना न हो। कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला हमेशा से ही ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। इस बार का मेला और भी खास बन गया है, क्योंकि इसमें दुनिया का सबसे बड़ा रावण तैयार किया गया है। रावण दहन का यह दृश्य न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है।

 

 

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