वैज्ञानिकों ने खोजा 140000 साल पुराना शहर, जानिए इतिहास…

दुनियाभर के रहस्यों को जानने के लिए लगातार शोध किए जा रहे हैं। अब इन बीच वैज्ञानिकों ने इंडोनेशिया के जावा द्वीप के पास समुद्र तल से 6 हजार से अधिक जीवश्म बाहर निकाले हैं। इनमें विलुप्त हो चुके मानव पूर्वज होमो इरेक्टस की हड्डियां मिली हैं। इस खोज से दक्षिण-पूर्व एशिया में होमो इरेक्टस की एक अनजान आबादी के बारे में पता चलता है। यह आबादी शायग आधुनिक मानव के साथ मिली-जुली थी। इंडोनेशियाई द्वीपसमूह के डूबे हिस्सों में पहली बार जीवाश्म मिले हैं। करीब 1,40,000 साल पहले समुद्र का स्तर कम था, तो उस दौरान जावा जैसे द्वीप एशियाई मेनलैंड से जुड़े हुए थे। इस इलाके को सुंडालैंड कहा जाता था। यह विशाल मैदानों और नदियों से भरा हुआ था। नए जीवाश्मों से खुलासा हुआ है कि इन नदियों में मछलियां, कछुए, नदी शार्क, हिप्पो और अन्य समुद्री जीव थे।

मैदानी इलाकों में हाथी, स्टेगोडन( हाथी की तरह जीव) और भैंस जैसे बड़े जानवर रहते थे। इस उपजाऊ इलाके में होमो इरेक्टस शिकार करता था। विशेष तौर जावा और मादुरा द्वीप के बीच जिसे अब मादुरा स्ट्रेट के नाम से डूबे समुद्री क्षेत्र के तौर जाना जाता है। वैज्ञानिकों को कुछ जीवाश्मों पर कट के निशान मिले हैं। इनसे पता चलता है कि मादुरा स्ट्रेट के होमिनिन (मनुष्य और उनके करीबी रिश्तेदार) कछुओं और बड़े जानवरों का शिकार करते थे, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में कछुओं के शिकार का सबसे पुराना सबूत है। जीवाश्मों से जानकारी मिली है कि ये होमिनिन गाय जैसे जानवरों को अपना शिकार बनाते थे। यह इंडोनेशिया के होमो इरेक्टस में आम बात नहीं थी। यह एशियाई मेनलैंड पर रहने वाले आधुनिक मानवों की रणनीति थी। इससे यह लगता है कि हो सकता है होमो इरेक्टस ने यह रणनीति दूसरी मानव प्रजातियों से सीखी हो।

मानव की विकास यात्रा का होमो इरेक्टस बेहद अहम भाग है। यह प्रजाति 20 लाख साल पहले सामने आई और मानव जैसे शरीर की बनावट वाली पहली प्रजाति थी, जो अफ्रीका से निकलकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक पहुंची। अन्य प्राचीन मानव जैसे डेनिसोवन्स और निएंडरथल भी इस इलाके में आए, लेकिन उनके बीच कितना मेल-जोल था इसकी जानकारी नहीं है। जावा में होमो इरेक्टस 1,17,000 से 1,08,000 साल पहले तक जीवित रहा और फिर विलुप्त हो गया। हमारी प्रजाति होमो सेपियन्स करीब 77,000 साल पहले दक्षिण-पूर्व एशिया में पहुंची।

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